फरवरी में जीएसटी संग्रह से सरकार हुई मालामाल, खजाने में आए 1.84 लाख करोड़ रुपए, 9.1% की हुई वृद्धि।

फरवरी में जीएसटी संग्रह से सरकार हुई मालामाल, खजाने में आए 1.84 लाख करोड़ रुपए, 9.1% की हुई वृद्धि।

GST Collection February 2025: केंद्र सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी में सकल जीएसटी संग्रह 9.1 प्रतिशत बढ़कर 1.84 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया। जीएसटी संग्रह बढ़ने के पीछे की वजह घरेलू लेनदेन के कारण मिला अधिक राजस्व है। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे घरेलू खपत से बढ़ावा मिलने और आर्थिक पुनरुद्धार का संकेत मिलता है।

इस दौरान सकल वस्तु एवं सेवा कर (GST) संग्रह के तहत घरेलू राजस्व 10.2% बढ़कर 1.42 लाख करोड़ रुपये रहा। आयात राजस्व 5.4% बढ़कर 41,702 करोड़ रुपये हो गया। आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन महीने में केंद्रीय जीएसटी (CGST) से 35,204 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी (SGST) से 43,704 करोड़ रुपये, एकीकृत जीएसटी (IGST) से 90,870 करोड़ रुपये और मुआवजा उपकर (CESS) से 13,868 करोड़ रुपये का संग्रह हुआ।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, फरवरी के दौरान कुल 20,889 करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए गए, जो सालाना आधार पर 17.3% अधिक है। फरवरी 2025 में शुद्ध जीएसटी संग्रह 8.1% बढ़कर लगभग 1.63 लाख करोड़ रुपये रहा। बतादें, एक साल पहले इसी महीने में शुद्ध जीएसटी संग्रह 1.50 लाख करोड़ रुपये थी। जीएसटी संग्रह में हुई बढोतरी अर्थव्यवस्था के संभावित पुनरुद्धार का संकेत दे रही है। ईवाई के टैक्स पार्टनर सौरभ अग्रवाल ने कहा कि जीएसटी संग्रह के मजबूत आंकड़े संकेत देते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक आर्थिक चुनौतियों का मजबूती से सामना कर रही है। आयात से संबंधित संग्रह की तुलना में घरेलू जीएसटी राजस्व में लगातार वृद्धि घरेलू स्तर पर मजबूती का संकेत देती है।

केपीएमजी (KPMG) के अप्रत्यक्ष कर प्रमुख एवं पार्टनर अभिषेक जैन ने कहा कि घरेलू आपूर्ति पर जीएसटी संग्रह में 10.2% की वृद्धि और कुल मिलाकर 9.1% की वृद्धि चौथी तिमाही में अर्थव्यवस्था के संभावित पुनरुद्धार का संकेत देती है। डेलॉयट इंडिया (Deloitte India) के पार्टनर एमएस मणि ने कहा कि उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, मध्यप्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक जैसे बड़े विनिर्माण और उपभोक्ता राज्यों में जीएसटी संग्रह में 10-20% की सीमा में अच्छी वृद्धि हुई है।