मथुरा हादसा: 25 साल की गारंटी, 4 साल में ही ढह गई टंकी, 2 महिलाओं की मौत

उत्तर प्रदेश – मथुरा हादसा: 25 साल की गारंटी, 4 साल में ही ढह गई टंकी, 2 महिलाओं की मौत, कईयों के दबे होने की आशंका। मथुरा के मुहल्ला कृष्ण विहार कालोनी में पेयजल टंकी धराशाई हो गई। ये टंकी 2021 में बनकर तैयार हुई थी जिसे आगरा की एसएम कंस्ट्रक्शन कंपनी ने बनाया था। इस हादसे में 2 महिलाओं की मौत हो गई और 16 लोग घायल हुए हैं। घायलों में एक की हालत नाजुक बनी हुई है।
अब तक सोए हुए अधिकारी हादसा होने के बाद जाग गए हैं और अब कार्रवाई की बात कही जा रही है। नगर निगम के अधिकारियों ने भी इस टंकी की गुणवत्ता की जांच कराना जरूरी नहीं समझा। अगर उस समय तकनीकी जांच करा ली जाती तो लोगों की जान न जाती। नगर आयुक्त शशांक चौधरी ने बताया, “पेयजल टंकी के पिलर कमजोर थे। तभी सबसे पहले पिलर धराशाई हुए और फिर टंकी का ऊपरी हिस्सा नीचे आ गिरा। इसके बाद तेज धमाका हुआ।”
बतादें, वर्ष 2019 में भूतेश्वर के समीप जल निगम की अतिरिक्त निर्माण इकाई का कार्यालय खुला था। यहां दो कमरों में कार्यालय संचालित हुआ। अतिरिक्त निर्माण इकाई ने शहर के मुहल्ला कृष्ण विहार कालोनी में पेयजल टंकी का प्रस्ताव तैयार किया, जिसे शासन से स्वीकृति मिली। करीब दो करोड़ की लागत से ढाई लाख लीटर की क्षमता की टंकी का निर्माण कराया गया। इसका ठेका आगरा के एसएम कंस्ट्रक्शन को करीब डेढ़-दो करोड़ में दिया गया। इस फर्म के मैसर्स सुधीर मिश्रा बताए गए हैं।
एसएम कंस्ट्रक्शन ने निर्माण कार्य में लापरवाही बरती। घटिया सामग्री का प्रयोग किया गया। लेकिन, कमीशन के चक्कर में एक्सईएन, सहायक अभियंता और अवर अभियंता इस ओर आंखें बंद किए रहे। ठेकेदार ने निर्माण कार्य में पूरी लापरवाही बरती और घटिया सामग्री पर पिलर खड़े कर दिए। ये टंकी वर्ष 2021 में बनकर तैयार हो गई, जिसका संचालन अतिरिक्त निर्माण इकाई ने वर्ष 2022 तक किया। इस दौरान शासन ने इस इकाई को बंद कर दिया और यहां तैनात अधिकारी जल निगम के दूसरे खंड में मर्ज कर दिए गए। वर्ष 2023 में जल निगम ने इस टंकी को नगर निगम के हैंडओवर कर दिया। कमीशनखोरी में लिप्त अधिकारियों ने टंकी की गुणवत्ता की जांच की जरूरत समझी होती तो इतने बड़े हादसे को टाला जा सकता था।