इजरायल और लेबनान के बीच सीजफायर का ऐलान

इजरायल और लेबनान के बीच सीजफायर का ऐलान

Israel-Lebanon ceasefire: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने की समझौते की घोषणा, MEA ने घोषणा का किया स्वागत। 7 अक्टूबर 2023 से इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच चल रहे युद्ध के विराम का आज एलान हो गया। दोनों गुटों ने सीजफायर के समझौते को स्वीकार कर लिया है। इस सीजफायर की घोषणा तक युद्ध में 45 हजार लोग अपनी जन गंवा चुके हैं। अधिकतर लोग गाजापट्टी में मारे गए, जिनमें से अधिकतर महिलाएं और बच्चे हैं। इसे लागू करवाने में अमेरिका ने मुख्य भूमिका निभाई और युद्ध के दोनों पक्षों इजरायल और हिजबुल्लाह को इसके लिए राजी किया। यह सीजफायर 27 नवंबर को भारतीय समयानुसार सुबह 7:30 बजे लागू हुआ।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने X पर पोस्ट किया और कहा- “आज, मेरे पास मध्य पूर्व से जुड़ी अच्छी खबर है। मैंने लेबनान और इजरायल के प्रधानमंत्रियों से बात की है। मुझे यह ऐलान करते हुए खुशी हो रही है कि दोनों देशों ने इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच विनाशकारी जंग समाप्त करने के लिए अमेरिका के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है।” हालांकि, इस समझौते से गाजा में हमास के खिलाफ इजराइल के युद्ध पर कोई असर नहीं पड़ेगा, जिसके खत्म होने के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं।

समझौते के अनुसार, अगले 60 दिनों में इजरायल दक्षिणी लेबनान से अपनी सेना को धीरे-धीरे वापस बुला लेगा और लेबनानी सेना और राज्य सुरक्षा बल इस क्षेत्र में तैनात होंगे। आतंकवादी संगठन हिजबुल्लाह इजरायल-लेबनान सीमा से लगभग 40 किलोमीटर पीछे हट जाएगा। हिजुबल्लाह के हटने के बाद इस क्षेत्र की सुरक्षा लेबनानी सशस्त्र बल करेगा और यह भी देखेगा कि हिजबुल्लाह के सभी हथियार और गोला-बारूद वहां से हटा दिए जाएं। बीबीसी न्यूज के अनुसार समझौते में यह भी कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र शांति सेना, लेबनानी सेना और एक बहुराष्ट्रीय समिति हिजबुल्लाह पर कड़ी नजर रखेगी ताकि वह समझौते का उल्लंघन ना करे। सीजफायर के बाद विस्थापित अपने घर लौटेंगे और बीमारों को इलाज मिलेगा।

इजरायल ने अमेरिका के सीजफायर के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए 10-1 से इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) की तरफ से यह कहा गया है कि वे अमेरिका के प्रस्ताव की प्रशंसा करते हैं। लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि इजरायल अपनी सुरक्षा के लिए किसी भी हमले पर जवाबी कार्रवाई करने का अधिकार रखता है। उन्होंने कहा है कि अगर हिजबुल्लाह युद्ध विराम के समझौते का उल्लंघन करेगा, तो इजरायल उस पर हमला करने के लिए स्वतंत्र है। हिजबुल्लाह प्रत्यक्ष तौर पर समझौते का हिस्सा तो नहीं बना है, लेकिन उनकी ओर से लेबनान के प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने युद्ध विराम का स्वागत किया। इजरायल और हिजबुल्लाह ने जिस तरह से अपनी-अपनी बात रखी है, उससे यह कहना जल्दबाजी ही होगी कि मिडिल ईस्ट में स्थायी शांति स्थापित हो गई है।

आपकी जानकारी के लिए बतादें, हमास और हिजबुल्लाह की इजरायल से जो शत्रुता है उसके पीछे फिलिस्तीन और इजरायल का विवाद है। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद 1947 में संयुक्त राष्ट्र ने फिलिस्तीन को दो भागों में बांटने की घोषणा की थी, जिसे यहूदियों ने स्वीकार किया, लेकिन फिलिस्तीनियों ने इसे स्वीकार नहीं किया और युद्ध छिड़ गया। वर्ष 1949 में इस युद्ध में इजरायल की जीत हुई और 7 लाख से अधिक फिलिस्तीनी विस्थापित हो गये और यह क्षेत्र तीन भागों में विभाजित हो गया – इजरायल, वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी। इस घटना के बाद से इजरायल और फिलिस्तीन के युद्ध होता रहता है और हमास और हिजबुल्लाह जैसे आतंकवादी संगठन इजरायल के खिलाफ कार्रवाई करते रहते हैं।