German Government Collapses: जर्मन संसद के विश्वास मत सत्र के दौरान 733 संसद सदस्यों में से 207 ने शोल्ज सरकार के पक्ष में मतदान किया जबकि 394 ने विरोध में वोट डाला। जिस कारण जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज ने सोमवार को संसद में विश्वास मत खो दिया। इसके साथ ही जर्मनी में समय से पहले चुनाव होने की संभावना बन गई है। बतादें, 6 नवंबर को त्रिपक्षीय गठबंधन टूटने के बाद शोल्ज अल्पमत सरकार का नेतृत्व कर रहे थे। निचले सदन में कुल 733 सीटें हैं। बहुमत के लिए 367 सांसदों के समर्थन की जरूरत होती थी। लेकिन विश्वासमत के दौरान शोल्ज को 207 सांसदों का समर्थन ही मिला, जबकि 394 ने उनके खिलाफ वोट दिया और 116 ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया।
जर्मन चांसलर शोल्ज ने गत दिनों अपने वित्त मंत्री को अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के तरीके पर विवाद होने के चलते बर्खास्त कर दिया था। इसी के चलते गठबंधन सरकार में मनमुटाव हो गया और कई प्रमुख दलों के नेताओं ने संसदीय चुनाव निर्धारित समय से 7 महीने पहले 23 फरवरी को कराए जाने पर सहमति जताई। बताते चलें कि शोल्ज सरकार को विश्वास मत की आवश्यकता इसलिए पड़ी, क्योंकि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जर्मनी का संविधान बुंडेस्टाग को भंग करने की अनुमति नहीं देता। अब राष्ट्रपति फ्रैंक-वाल्टर स्टीनमीयर को यह तय करना है कि संसद को भंग किया जाए या नहीं और चुनाव कराए जायें या नहीं।
राष्ट्रपति स्टीनमीयर के पास, चुनाव कब कराया जाए, यह निर्णय लेने के लिए सिर्फ 21 दिन का ही समय है। जर्मनी के संविधान के अनुसार, संसद भंग होने के बाद चुनाव 60 दिनों के भीतर हो जाने चाहिए। दरअसल शोल्ज ने बजट और आर्थिक नीतियों पर असहमति के कारण नवंबर में पूर्व वित्त मंत्री क्रिश्चियन लिंडनर को बर्खास्त कर दिया था। ऐसे में नाराज होकर लिंडनर की फ्री डेमोक्रेटिक पार्टी ने गठबंधन से बाहर निकलने का फैसला किया।