राजधानी दिल्ली की हवा हुई और जहरीली, 15 नवंबर से ग्रेप-3 लागू करने पर लगी मोहर।

राजधानी दिल्ली की हवा हुई और जहरीली, 15 नवंबर से ग्रेप-3 लागू करने पर लगी मोहर।

Delhi Pollution: राजधानी दिल्ली की हवा हुई और जहरीली, 15 नवंबर से ग्रेप-3 लागू करने पर लगी मोहर। बढ़ते प्रदूषण के कारण दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) की हवा जानलेवा हो गई है। ऐसे में लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया है। इस पर काबू करने के लिए सीएक्यूएम (CAQM-कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट) ने ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP-3) लागू करने की घोषणा कर दी है। राजधानी समेत पूरे एनसीआर में 15 नवंबर से इसे लागू किया जाएगा।

आपकी जानकारी के लिए बतादें, ग्रैप-1 तब लगाया जाता है जब AQI 201 से 300 यानी खराब स्थिति में पहुंच जाती है। ग्रैप-2 को लागू तब किया जाता है जब AQI 301 से 400 तक पहुंच जाता है। हवा की गुणवत्ता गंभीर रूप से खराब होने (AQI 401 से 450) पर ग्रैप-3 और AQI 450 से ज्यादा होने पर ग्रैप-4 लागू किया जाता है। ग्रैप-3 में इन चीजों पर रोक लगाई जाती है।

  1. दिल्ली में पंजीकृत डीजल से चलने वाले वाहन, बीएस-3 या इससे नीचे के मानक वाले MGV पर रोक रहती है।
  2. एनसीआर में निर्माण और तोड़फोड़ गतिविधियों पर कड़ा प्रतिबंध रहता है।
  3. खनन से जुड़ी गतिविधियों पर रोक लगती है।
  4. प्रमुख सड़कों पर प्रतिदिन पानी का छिड़काव।

पिछले एक दशक से वायु प्रदूषण की मार झेल रही दिल्ली और एनसीआर की जनता अब इस गंभीर समस्या से निजात पाना चाहती है। इस समस्या की वजह से हवा में बढ़ते प्रदूषक सांस के माध्यम से शरीर में पहुंचकर कई प्रकार की बीमारियों को बढ़ा रहे हैं। वायु प्रदूषण से सांस से संबंधित समस्याओं के साथ साथ हृदय रोग, फेफड़ों में संक्रमण सहित कई अन्य प्रकार की बीमारियां बढ़ रही हैं। प्रदूषण के कारण प्रारंभिक स्थिति में आंखों में जलन, लालिमा और खुजली होने की समस्या सबसे ज्यादा देखी जाती रही है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी लोगों से खराब हवा के संपर्क में आने से बचने और सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने को कहा है। कई शहरों में वायु प्रदूषण के स्तर में वृद्धि को देखते हुए सरकार ने सभी राज्यों से इस खतरे से निपटने के लिए अपनी तैयारियों को बढ़ाने और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने का आग्रह किया है। प्रदूषण का सबसे प्रतिकूल प्रभाव बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों पर पड़ता है। इन लोगों को सबसे अधिक सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है।