8th Pay Commission Approved: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है। अब सरकार ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन में संशोधन के लिए 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है। इसी बीच दिल्ली चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गईं हैं। चुनावी तैयारियों के बीच 8वें वेतन आयोग की मंजूरी को NDA सरकार का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार 16 जनवरी को घोषणा की। 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी और डीए समेत अन्य भत्तों में बड़ा इजाफा होगा।
8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। अब तक के पैटर्न को देखें तो सरकारी कर्मचारियों का वेतन फिटमेंट फैक्टर के आधार पर अलग-अलग लेवल पर रिवाइज होगा। बता दें कि 7वें वेतन आयोग ने सैलरी रिवीजन के लिए 2.57 के फिटमेंट फैक्टर को अप्लाई किया था। वहीं, 8वें वेतन आयोग के तहत 2.86 के हाई फिटमेंट फैक्टर की सिफारिश की जा सकती है। वर्तमान में न्यूनतम बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है, जो लेवल-1 के तहत आने वाले कर्मचारियों को मिलती है। नई सिफारिशें लागू होने के बाद यह सैलरी स्ट्रक्चर रिवाइज हो जाएगा और लेवल-1 कर्मचारियों की पूरी सैलरी डबल में आ सकती है। इसी तरह, पेंशन भोगियों की पेंशन भी बड़ी बढ़ोतरी की संभावना है।
फिटमेंट फैक्टर (fitment factor), सरकारी कर्मचारियों और रिटायर कर्मचारियों के वेतन और पेंशन को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला कैल्कुलेशन है। फिटमेंट फैक्टर के आधार पर अलग-अलग लेवल पर सैलरी में बढ़ोतरी की जाती है। हालांकि, इसमें भत्ता शामिल नहीं होता।
8वें वेतन आयोग की सिफारिशें साल 2026 से लागू होंगी। दरअसल, 7वां वेतन आयोग साल 2016 में मोदी सरकार द्वारा लागू किया गया था। यह सिफारिशें 10 साल के लिए थीं, जो 2026 में पूरी हो रही हैं। अब नए वेतन आयोग के गठन की मंजूरी से लेकर सिफारिशें सरकार को देने तक की प्रक्रिया में करीब डेढ़ साल लग सकते हैं। सरकार वेतन आयोग की सिफारिशों को पूर्णतः मानेगी ये जरूरी नहीं है, इसमें बदलाव भी संभव है।