सैनिकों को ठंड से बचाने के लिए डीआरडीओ की खास पेशकश – ‘हिमकवच’, माइनस 60 डिग्री में भी शरीर को गर्म रखने की क्षमता, सभी ट्रायल किए पास।

सैनिकों को ठंड से बचाने के लिए डीआरडीओ की खास पेशकश – ‘हिमकवच’, माइनस 60 डिग्री में भी शरीर को गर्म रखने की क्षमता, सभी ट्रायल किए पास।

DRDO Developed HimKavach: हिमकवच ने ऐसे समय में सभी ट्रायल पास किए हैं जब भारत हिमालय की सीमाओं पर चल रही सुरक्षा चिंताओं का सामना कर रहा है। यह मल्टी लेयर क्लोदिंग सिस्टम सैनिकों को कठिन से कठिन परिस्थितियों में प्रभावी ढंग से काम करने और सेना की तैयारी को मजबूत करने में मदद करने के लिए डिजाइन किया गया है।

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने हिमकवच मल्टी-लेयर क्लोदिंग सिस्टम (HimKavach – Multi Layer Clothing System) पेश किया है, जिसे विशेष रूप से अत्यधिक ठंड के मौसम में सुरक्षा के लिए डिज़ाइन किया गया है। 20°C से -60°C तक के तापमान में काम करने के लिए डिजाइन की गई इस सिस्टम ने ऑपरेशन्स सेटिंग्स में सभी यूजर टेस्ट को पास कर लिया है। बतादें, हिमकवच कई परतों से बनी है, इसको इन्सुलेशन, सांस लेने की क्षमता और आराम के लिए तैयार किया गया है। मॉड्यूलर डिजाइन सैनिकों को मौसम के आधार पर परतें जोड़ने या हटाने की अनुमति देता है। इस सुविधा को हिमालय में सक्रिय सैनिकों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है, जहां तापमान तेजी से गिर सकता है।

हिमकवच से पहले, भारतीय सेना एक्सट्रीम कोल्ड वेदर क्लोथिंग सिस्टम (ECWCS) का उपयोग करती थी, जो DRDO के डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ फिजियोलॉजी एंड अलाइड साइंसेज (Defence Institute of Physiology & Allied Sciences – DIPAS) द्वारा विकसित एक तीन-स्तरीय संगठन है। हिमकवच से पहले की प्रणाली की तुलना में ज्यादा सुरक्षा देने की उम्मीद है। इसकी क्षमता का उद्देश्य तापमान रेंज में काम करने की उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात सैनिकों की सुरक्षा में सुधार करना है। इस नए क्लोदिंग सिस्टम की तैनाती जल्द ही शुरू होने की संभावना है। इससे कठोर वातावरण में तैनात सैनिकों के लिए गतिशीलता, स्थायित्व और समग्र दक्षता में सुधार होने की उम्मीद है।