Jhansi Medical College Fire Tragedy: उत्तर प्रदेश के झांसी मेडिकल कॉलेज में दर्दनाक हादसा, NICU बार्ड में आग लगने से 10 नवजातों की मौत, अस्पताल प्रशासन के दावों की खुली पोल। उत्तर प्रदेश के झांसी मेडिकल कॉलेज में हुए अग्निकांड में 10 बच्चों की दर्दनाक मौत की घटना में सबसे बड़ी लापरवाही सामने आई। यहां शुक्रवार रात 10 बजे एनआईसीयू वार्ड में अचानक आग लगने से 10 बच्चों की मौत हो गई। पहले ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में स्पार्किंग होने से आग भड़क गई। उसके बाद विस्फोट के साथ पूरे वार्ड में आग फैल गई। NICU वॉर्ड में लगी आग ने अस्पताल प्रशासन की व्यवस्थाओं की पोल खोल दी। सबसे बड़ी खामी या रही कि यहां आग लगने के समय बिल्डिंग में सेफ्टी अलार्म बजा ही नहीं।
मिली जानकारी के अनुसार, मेडिकल कॉलेज के NICU वॉर्ड में आग लगने के बावजूद सेफ्टी अलार्म नहीं बजा। जिसकी वजह से सुरक्षा कर्मियों और मेडिकल कॉलेज प्रशासन को हादसे की जानकारी समय से नहीं लग पाई। सुरक्षा कर्मियों के साथ ही अस्पताल में मौजूद नवजात के माता-पिता को घटना की भनक तक नहीं लग पाई अन्यथा वो सचेत हो सकते थे। अगर समय पर सेफ्टी अलार्म बज जाता तो 10 मासूमों की मौत से पहले ही उनके माता पिता अपने बच्चों को लेकर अस्पताल परिसर से बाहर आ सकते थे। बताया जा रहा है कि जब आग की लपटें और धुंआ देखकर गर्भवती महिलाओं के परिजन बच्चों को गोद में लेकर भागने लगे, तब अफरा-तफरी फैली और आनन-फानन में फायर ब्रिगेड को सूचना दी गयी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने झांसी मेडिकल कॉलेज में हुई इस दुखद घटना पर गहरा दुःख जताते हुए प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि तत्काल मृतक नौनिहाल के परिजनों को 5-5 लाख एवं गंभीर घायलों को 50-50 हजार रुपए तत्काल सहायता उपलब्ध कराएं। मुख्यमंत्री ने झांसी के मंडलायुक्त और डीआईजी को 12 घंटे में घटना के संबंध में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। उधर, मामले की जांच के लिए प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने जांच के आदेश दिए हैं। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा, “जांच में जो भी जिम्मेदार होगा, उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी। हम इलाजरत बच्चों को उच्च क्वालिटी की मेडिकल सुविधा दे रहे हैं।”