मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले के वीणा वादिनी स्कूल के छात्रों का अजब कारनामा, 100 से अधिक छात्र दोनों हाथों से एक साथ दो अलग भाषाओं में लिखने में प्रवीण।

मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले के वीणा वादिनी स्कूल के छात्रों का अजब कारनामा, 100 से अधिक छात्र दोनों हाथों से एक साथ दो अलग भाषाओं में लिखने में प्रवीण।

 मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले के वीणा वादिनी स्कूल के छात्रों का अजब कारनामा, 100 से अधिक छात्र दोनों हाथों से एक साथ दो अलग भाषाओं में लिखने में प्रवीण। मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में एक अनोखा स्कूल है। अनोखा इसलिए क्योंकि यहां के बच्चे दोनों हाथों से लिख सकते हैं। इससे भी ज्यादा आश्चर्य करने वाली बात यह है कि ये बच्चे दोनों हाथों से एक साथ दो भिन्न भिन्न भाषाओं में लिख सकते हैं। सिंगरौली का ये स्कूल देश का पहला स्कूल है जहां बच्चे इस विलक्षण प्रतिभा के धनी हैं।

यह वीणा वादिनी पब्लिक स्कूल बुंदेला सिंगरौली जिला मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर है। वैसे तो यह स्कूल बाहर से सामान्य स्कूलों की भांति ही है, लेकिन इसके अंदर बच्चों को एक गजब की कला सिखाई जाती है। यहां बच्चों को जो कला सिखाई जाती है वह किसी अजूबे या चमत्कार से कम नहीं है। क्योंकि यहां पढ़ने वाले बच्चे दोनों हाथों से अलग-अलग भाषाओं में एक साथ लिख सकते हैं। इस कला में पारंगत बच्चों की संख्या 1-2 नहीं पूरे 100 से ऊपर है।

सिंगरौली के वीणा वादिनी पब्लिक स्कूल बुधेला की शुरुआत 1999 में की गई थी। इस स्कूल को विरंगत शर्मा ने शुरू किया था। उनका कहना है कि उन्हें यह सीख देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद से मिली। विरंगत शर्मा ने बताते हैं कि उन्होंने राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद शर्मा के बारे में यह पढ़ा था कि वह दोनों हाथों से लिखते थे। संभवत यह स्कूल देश का पहला ऐसा स्कूल है जहां बच्चे इस तरह की खास कला सीखते हैं।