Sharda Sinha (1952-2024): ‘बिहार कोकिला‘ भोजपुरी गायिका शारदा सिन्हा का 72 साल की आयु में निधन, दिल्ली के AIIMS में ली अंतिम सांस। अब से बस कुछ देर पहले लोक गायिका शारदा सिन्हा का 72 साल की आयु में निधन हो गया। शारदा सिन्हा ने दिल्ली एम्स में अंतिम सांस ली। उनके निधन के बाद बेटे अंशुमान सिन्हा ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा, ‘आप सब की प्रार्थना और प्यार हमेशा मां के साथ रहेंगे। मां को छठी मईया ने अपने पास बुला लिया है । मां अब शारीरिक रूप में हम सब के बीच नहीं रहीं।’
बहुचर्चित लोकप्रिय लोक एवं शास्त्रीय गायिका शारदा सिन्हा का नाम बिहार की संस्कृति से जुड़ा हुआ है। अचानक तबीयत बिगड़ने पर उन्हें दिल्ली एम्स में लाइफ सपोर्ट के लिए वेंटिलेटर पर रखा गया था। डॉक्टर्स ने भरपूर कोशिश की लेकिन वे गायिका को वापस नहीं ला पाए। शारदा सिन्हा को कला जगत में अभूतपूर्व योगदान के लिए देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों पद्म श्री और पद्म भूषण से नवाजा जा चुका है। शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमान ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे फोन पर बात कर मां की तबीयत के बारे में जानकारी ली।
लोक गायिका शारदा सिन्हा को मैथिली और भोजपुरी संगीत में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता है। उन्हें लोक गायिकी के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए एक सांस्कृतिक राजदूत के रूप में भी जाना जाता है। गायिकी की ही नहीं शारदा सिन्हा विभिन्न सांस्कृतिक आयोजनों में भी सक्रिय रहतीं थीं। लगभग पांच दशक के लंबे संगीत करियर में अभूतपूर्व योगदान के लिए उन्हें कई पुरस्कार मिले। बिहार सरकार ने भी उन्हें कई बार सम्मानित किया।