ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, खंडवा, मध्यप्रदेश

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, खंडवा, मध्यप्रदेश

भगवान शिव का यह ज्योतिर्लिंग भारत के मध्यप्रदेश प्रांत के खंडवा जिले में नर्मदा नदी के किनारे स्थित है। ॐ के आकार की पहाड़ी पर स्थित होने के कारण इस ज्योतिर्लिंग का नाम ओंकारेश्वर पड़ा। महादेव को यहां पर ममलेश्वर व अमलेश्वर के रूप में पूजा जाता है। महादेव के इस चमत्कारी और रहस्यमयी ज्योतिर्लिंग को लेकर यह भी मानना है कि इस पावन तीर्थ पर शिवलिंग पर नर्मदा नदी का जल चढ़ाए बिना श्रद्धालुओं की सारी तीर्थ यात्राएं अपूर्ण मानी जाती हैं।

धार्मिक मान्यतानुसार, इस ज्योतिर्लिंग के आस पास 68 तीर्थ स्थित हैं और भगवान शिव यहां 33 कोटि देवताओं के साथ यहां विराजमान हैं। इस मंदिर की सबसे बड़ी मान्यता है कि भगवान शिव प्रतिदिन यहां शयन करने आते हैं। जिस तरह उज्जैन के महाकालेश्वर की भस्म आरती प्रसिद्ध है उसी तरह ओंकारेश्वर में शयन आरती प्रसिद्ध है। वैसे, यहां भी सभी ज्योतिर्लिंगों की तरह ही तीनों संध्याओं में आरती होती है। लेकिन यहां रात्रि की आरती का भी चलन है चूंकि इस मंदिर में भगवान शिव शयन के लिए आते हैं।

एक और मान्यतानुसार, ओंकारेश्वर मंदिर (Omkareshwar Temple) भगवान शिव यहां माता पार्वती के साथ चौसर खेलते हैं। इसी वजह से प्रत्येक रात्रि यहां चौपड़ विछाई जाति है। सुबह देखने पर वहां सामान इस तरह बिखरा पड़ा होता है जैसे कि वास्तव में किसी ने यहां चौसर खेला हो। एक प्रचलित कथानुसार, राजा मांधाता ने कठिन तपस्या कर भगवान शिव को प्रसन्न किया। शिव ने प्रसन्न होकर मांधाता से वरदान मांगने के लिए कहा। मांधाता ने कहा कि आप यहीं हमेशा के लिए विराजमान हो जायें। तभी से भगवान इस स्थान पर विराजमान हैं। मांधाता की वजह से शिव यहां विराजित हुए इसलिए यह स्थान मांधाता नाम से भी जाना जाता है।