भगवान सूर्य को समर्पित यह मंदिर भारत के बिहार प्रांत के औरंगाबाद जिले के मदनपुर गांव में स्थित है। उमगा सूर्य मंदिर उमा सूर्य मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह उमगा सूर्य मंदिर औरंगाबाद जिला मुख्यालय से 27 किलोमीटर और ग्रैण्ड ट्रंक रोड (GT Road) से 1.5 किलोमीटर दक्षिण की ओर एवं देव सूर्य मंदिर से से 12 किलोमीटर की दूरी पर उमगा पहाड़ियों पर स्थित है। उमगा पहाड़ बिहार के औरंगाबाद जिले में एक पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। धार्मिक मान्यता के अनुसार छठ पूजा के लिए महत्वपूर्ण मंदिरों में देव सूर्य मंदिर के बाद उमगा मंदिर दूसरे नंबर पर है।
पुरातत्व विभाग के अनुसार, सन् 1496 ई० में सूर्यवंशी राजा भैरवेंद्र ने मंदिर के गर्भगृह में पुन: बलराम और सुभद्रा की प्रतिमा स्थापित की। उस समय यह मंदिर भगवान जगन्नाथ मंदिर के नाम से जाना जाता था। कालांतर में क्रूर मुगल शासक औरंगजेब ने उक्त प्रतिमा को भी ध्वस्त करवा दिया। उस वक्त उसने मंदिर को भी तोड़ने की कोशिश की और मंदिर पर तोप दगवाये। लेकिन वह मंदिर तोड़ पाने में सफल नहीं हो सका। औरंगजेब के अंत के बाद इस मंदिर में भगवान सूर्यदेव की प्रतिमा स्थापित की गई। तब से आज तक यह मंदिर सूर्य मंदिर के रूप में विख्यात है ।
मंदिर की वास्तुकला के बारे में बताएं तो इस मंदिर की लम्बाई 68.60 फीट, चौड़ाई 53 फीट एवं उचॉई 60 फीट है। गर्भगृह के अतिरिक्त यहॉ भी मण्डप है जो सुडौल स्तम्भों के सहारे है। मंदिर में प्रवेश करने के बाद द्वार के बांयी तरफ एक शिवलिंग एवं भगवान गणेश की मूर्ति भी है। गर्भगृह में भगवान सूर्य की मूर्ति है मंदिर के दाहिने तरफ एक वृहद शिलालेख है सभी मूर्तियां एवं शिलालेख काले पत्थर से बने है।
2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने उमगा पहाड़ियों की यात्रा की थी और वे यहां के दिव्य मंदिरों की भव्यता को देखकर अचंभित हुए थे। उन्होंने मुख्य सचिव से इस पहाड़ पर उपस्थित सभी मंदिरों के पुनर्निमाण की बात कही थी। इस पहाड़ पर करीब 200 जड़ी बूटियों के पौधे भी मिले हैं जो कई बीमारियों के लिए रामबाण हैं। मुख्यमंत्री ने रोपवे लगाने की भी घोषणा की थी। पर उनकी किसी भी योजना का अब तक अमल नहीं हुआ है।