सूर्य नारायण स्वामी मंदिर, श्रीकाकुलम

सूर्य नारायण स्वामी मंदिर, श्रीकाकुलम

भगवान सूर्य को समर्पित यह मंदिर भारत के आंध्रप्रदेश प्रांत के श्रीकाकुलम जिले के अरसावल्ली गांव में स्थित है। पद्म पुराण के अनुसार, इस मंदिर में विराजित सूर्य देव के मूर्ति की स्थापना ‘महर्षि कश्यप’ ने की थी। इस मंदिर में काले ग्रेनाइट पत्थर से कमल का फूल बना है जिस पर भगवान आदित्य की 5 फुट ऊंची प्रतिमा स्थापित है। इस मूर्ति का मुकुट शेषनाग के फन का बना हुआ है। यहां भगवान सूर्य की पूजा उनकी पत्नियों ऊषा और छाया के साथ होती है।

मान्यतानुसार, सूर्य नारायण स्वामी मंदिर में 43 दिनों तक सूर्य नमस्कार करने के साथ ही इंद्र पुष्करणी नदी में स्नान करने से नेत्रों और त्वचा संबंधी सभी समस्यायें दूर होती हैं। इस मंदिर की एक और खासियत है। मंदिर में साल में 2 बार मार्च और सितंबर में सूर्य की किरणें सीधे भगवान के चरणों पर पड़ती हैं। ये स्थित सुबह सुबह कुछ घंटों के लिए ही बनती है। सूर्य की किरणें 5 मुख्य द्वारों से होकर गुजरती है। इस मंदिर में पंचदेव पूजन का भी विधान है। इसलिए इस मंदिर में भगवान सूर्य की प्रमुख मूर्ति के अलावा भगवान विष्णु, गणेश और शिवजी के साथ अम्बिका के रूप में देवी दुर्गा की प्रतिमा भी स्थापित की हुई है।

सुर्यनारायण मंदिर (Arasavalli Sun Temple) में मौजूद पत्थर के शिलालेखों से ये बात पता चलती है कि कलिंग साम्राज्य के शासक देवेंद्र वर्मा ने ये मंदिर बनवाया था और 7 वीं शताब्दी के शुरुआती सालों में भगवान सूर्य की मूर्ति यहां स्थापित की थी। शिलालेखों से ये भी मालूम पड़ता है कि यहां वैदिक विद्यार्थियों के लिए स्कूल बनवाने के लिए लोगों ने जमीन दान की थी। ये जमीन राजा देवेंद्र वर्मा के उत्तराधिकारियों ने करीब 11वीं शताब्दी में दान की थी।