शनिधाम मंदिर, प्रतापगढ़, उत्तरप्रदेश

शनिधाम मंदिर, प्रतापगढ़, उत्तरप्रदेश

न्याय के देवता शनिदेव को समर्पित यह मंदिर भारत के उत्तर प्रदेश प्रांत के प्रतापगढ़ जिले के कुशफरा गांव में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण आज से 39 साल पहले 1985 ई. में प्रतापगढ़ जिले के जलालपुर ग्राम निवासी ‘परमा महाराज’ ने कराया था। इस मंदिर में शनिदेव की प्रतिमा स्वयंभू है।

मंदिर के वर्तमान पुजारी मंगलाचरण मिश्र के अनुसार शनिदेव की यह स्वयंभू प्रतिमा उनके पिता परमा महाराज को स्वप्न में शनिदेव के दिशा निर्देशन के बाद मिली। शनिदेव ने स्वप्न में परमा महाराज से कहा कि मेरे स्थान पर आकर मेरी पूजा करो। महाराज स्वप्न में बताये स्थान एक ऊंचे टीले पर गये। कुछ समय उस टीले पर ढूंढने पर देखा तो शनिदेव की मूर्ति सरपत की झाड़ियों में छिपी मिली। महाराज ने मूर्ति की पूजा की, फिर घर चले गये। 2-3 दिन बाद फिर स्वप्न आने पर महाराज ने टीले पर जाकर मूर्ति की पूजा की, तत्पश्चात अपने दफ्तर चले गये। इसी तरह कुछ समय तक शनि देव की पूजा पाठ करने के बाद परमा महाराज के बिगड़े काम बनने लगे। जब उनके जीवन में सब कुछ अच्छा होने लगा तब उन्होंने इस स्वप्न के बारे में और शनिदेव की मिली मूर्ति के बारे में सभी को बताया। ये सब वृतांत सुनकर सभी अचंभित हुए। फिर सभी ने मिलकर शनिदेव के मंदिर के निर्माण की योजना बनायी। जल्द ही शनिदेव का मंदिर तैयार हो गया।

1986 में महाराज ने सरसों के तेल की अखंड ज्योति जलायी जो आजतक 39 सालों से अनवरत जल रही है। समय गुजरते मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी। दर्शन करने के बाद सभी श्रद्धालुओं की मनोकामना भी पूर्ण होने लगीं। मनोकामना पूर्ण होने से मंदिर की ख्याति देश के कोने कोने तक फैल गई। मान्यतानुसार, मंदिर के दर्शन करने से भक्तों पर चल रहे शनि के किसी भी तरह के अशुभ प्रभाव से छुटकारा मिलता है।