बल्केश्वर महादेव मंदिर, आगरा

बल्केश्वर महादेव मंदिर, आगरा

भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर भारत के उत्तरप्रदेश प्रांत के आगरा शहर में यमुना नदी के किनारे बल्केश्वर रोड पर स्थित है। यमुना नदी के किनारे स्थित होने से इस मंदिर का महत्व काफी अधिक है। इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग स्वयंभू है यानी स्वतः ही प्रकट होने वाला। वैसे इस मंदिर के निर्माण का कोई प्रमाण नहीं है। लेकिन यहां के पुजारी की माने तो यह मंदिर करीब 700 साल पुराना माना जाता है। बल्केश्वर मन्दिर का सबसे खास आकर्षण शिवलिंग का अद्भुत श्रृंगार है। यहां शिवलिंग को चंदन और केसर से सजाया जाता है।

माना जाता है कि बल्केश्वर महादेव मंदिर (Balkeshwar Mahadev Temple) में स्थापित शिवलिंग करीब 700 साल पहले प्रकट हुआ था। माना जाता है कि जिस स्थान में आज जहां मंदिर है वहां पहले बेलपत्र का जंगल हुआ करता था। ऐसे में जब बेलपत्र का जंगल काटा गया, तो महादेव की शिवलिंग दिखाई दी थी। बेलपत्र के घने जंगल में मिलने के कारण इस मंदिर का नाम बल्केश्वर मंदिर पड़ा। कहा जाता है कि राजा भोज से इन मंदिर का निर्माण कराया था। मान्यता है कि लगातार 41 दिनों तक बाबा के दर्शन करने से व्यक्ति हर इच्छा पूरी हो जाती है। जानिए इस मंदिर के बारे में सबकुछ।

श्रावण मास में बल्केश्वर मंदिर में स्थापित शिवलिंग को बहुत ही भव्य तरीके से सजाया जाता है। प्रतिदिन शिवलिंग का श्रृंगार किया जाता है। इसके साथ ही यहां पर सावन में मेला भी लगता है। 70 कोस की परिक्रमा भी इसी मंदिर से शुरू होती है। ये परिक्रमा कैलाश और पृथ्वीनाथ मंदिर से होकर बल्केश्वर मंदिर में विश्राम लेती है। माना जा रहा है कि 70 कोस की ये परिक्रमा सदियों से ऐसे की जा रही है। इसके होने के पीछे एक कारण माना जाता है। मान्यता है कि देश में एक बार प्लेग की बीमारी फैली हुई थी। बीमारी से बचने के लिए मंदिर की परिक्रमा लगाई गई थी। जब ये परंपरा ऐसे ही लगातार चली आ रही है।