‘बड़े पीपल का पेड़’ गणेश मंदिर, लखनऊ

‘बड़े पीपल का पेड़’ गणेश मंदिर, लखनऊ

प्रथम पूज्य भगवान गणेश को समर्पित यह मंदिर भारत के उत्तरप्रदेश प्रांत की राजधानी लखनऊ में स्थित है। ‘बड़े पीपल के पेड़ वाला मंदिर’ पूरे देश में अपनी अद्वितीयता के लिए प्रसिद्ध है। यहां की आस्था और भक्ति की भावना भी लोगों को अंदर से मंदिर के दर्शन के लिए प्रेरित करती है। मंदिर के पुजारी के अनुसार, यह पीपल का पेड़ लगभग 250 वर्ष पुराना है और इसमें स्वतः ही भगवान गणेश की आकृति बन गई है।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ अपनी अद्वितीय संस्कृति, धार्मिक विविधता और भाईचारे के लिए प्रसिद्ध है। यहां का एक मंदिर अपनी अद्वितीय विशेषता एवं दिव्यता के लिए बड़ा ही प्रसिद्ध है। जहां दर्शन के लिए आने वाले श्रृद्धालुओं का दावा है कि भगवान गणेश की आकृति एक पीपल के पेड़ में प्रकट हुई है। काफी संख्‍या में लोग यहां पहुंचकर पूजा अर्चना कर रहे हैं। स्थानीय लोगों में बसी मान्यतानुसार, पीपल के पेड़ में 33 कोटि देवताओं का वास होता है। पीपल के पेड़ में ही गणेश जी की आकृति उभरने से यह पेड़ पूजनीय और दिव्य है।

बड़े पीपल का पेड़ गणेश मंदिर (Bade Pipal Ka Ped Ganesh Temple) के परिसर में भगवान शिव, मां दुर्गा, हनुमान जी और शनिदेव की मूर्तियां भी स्थापित है। मंदिर में हर सोमवार को पशुपति व्रत की पूजा होती है। जिसमें महिलाओं की भीड़ जमा होती है। हर शुक्रवार को भजन-कीर्तन का आयोजन होता है। जिसमें भक्त बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं। शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा की जाती है और सुंदरकांड का पाठ किया जाता है। इस दिन शनिदेव के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।

कई स्थानीय निवासियों के हृदय में इस मंदिर के प्रति अटूट श्रद्धा एवं विश्वास है। उन्होंने अब तक जो मांगा है, उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हुई हैं। भगवान शिव का भी मंदिर होने की वजह से श्रृद्धालुओं की भोलेनाथ के प्रति अटूट श्रद्धा है। कुछ भक्तों को तो भोले नाथ ने नाग के रूप में दर्शन दिए हैं। यह मंदिर न केवल भक्तों की आस्था का केंद्र है, बल्कि यहां आने वाले हर भक्त की मनोकामना पूरी होती है।