श्री लक्ष्मी नरसिंह मंदिर, गोवा

श्री लक्ष्मी नरसिंह मंदिर, गोवा

श्री लक्ष्मी नरसिंह मंदिर, गोवा: भगवान विष्णु के चौथे अवतार श्री नरसिंह भगवान को समर्पित यह मंदिर भारत के उत्तरी गोवा के पोंडा ताल्‍लुके के वेलिंग गांव में स्थित है। जो मरडोल से करीब 3 किमी की दूरी पर है। भगवान ने इस अवतार में अपने परम भक्‍त प्रहलाद के पिता हिरण्‍याकश्‍यप का वध करके उसकी रक्षा की थी। इस मंदिर में देवी लक्ष्‍मी भगवान नरसिंह की गोद में विराजमान हैं। मूल श्री नरसिंह मंदिर साल्सेट के सांकले गांव में स्थित था जहां से 1567 में यहां स्थानांतरित किया गया था। वर्तमान मंदिर में 18 वीं शताब्दी में निर्मित लकड़ी और पत्थर का एक नक्काशीदार देवालय है।

मंदिर के गर्भगृह में भगवान विष्णु और उनकी पत्‍नी देवी लक्ष्मी की प्रतिमायें स्‍थापित हैं। इस मंदिर की छत अभी भी सोने की तरह चमकती है। मंदिर के मुख्य हॉल की दीवारें और छत चित्रों और नक्काशियों से सजी हुई है जिनमें श्री नरसिंह पुराण की कथाओं और भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों का वर्णन किया गया है। मंदिर के आंगन में एक पारम्परिक जलाशय है जिसमें पानी तक पहुंचाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई हैं। नारियल के हरे-भरे वृक्षों से घिरा यह ताल झरने के ताजा जल से भरा है और इसे मुख्यतः धार्मिक संस्कारों के पहले स्नान लिए प्रयोग किया जाता है।

भगवान नरसिंह भगवान विष्णु के चौथे अवतार हैं और वे आधे मनुष्य और आधे सिंह के रूप में हैं और नरसिंह पुराण में उनके बारे में विस्तार से बताया गया है। मंदिर में कई विस्तृत नक्काशी हैं जो नरसिंह अवतार के साथ-साथ भगवान विष्णु के अन्य अवतारों की भी कहानी को दर्शाती हैं। भगवान नरसिंह को कई कोंकणी भाषी गोवा समुदाय का कुल देवता माना जाता है। मंदिर में कई लकड़ी की पेंटिंग और लकड़ी की मूर्तियाँ भी हैं। यहाँ मनाए जाने वाले मुख्य त्यौहार फरवरी के मध्य में मंगुरीश जात्रा, श्री राम नवमी और नवरात्रि हैं। हर शुक्ल चतुर्दशी को श्री लक्ष्मी नरसिंह की पालकी जुलूस के रूप में निकाली जाती है। इस मंदिर में गैर-हिंदू प्रवेश नहीं कर सकते क्योंकि मंदिर में प्रवेश केवल हिंदुओं के लिए प्रतिबंधित है। गोवा आने वाले और भगवान नरसिंह का आशीर्वाद पाने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए यह मंदिर अवश्य जाना चाहिए।