श्री बांकेबिहारी तेरी आरती गाऊं। कुंजबिहारी तेरी आरती गाऊ।
श्री श्यामसुन्दर तेरी आरती गाऊं। श्री बांकेबिहारी तेरी आरती गाऊं॥
मोर मुकुट प्रभु शीश पे सोहे। प्यारी बंशी मेरो मन मोहे।
देखि छवि बलिहारी जाऊं। श्री बांकेबिहारी तेरी आरती गाऊं॥
चरणों से निकली गंगा प्यारी। जिसने सारी दुनिया तारी।
मैं उन चरणों के दर्शन पाऊं। श्री बांकेबिहारी तेरी आरती गाऊं॥
दास अनाथ के नाथ आप हो। दुख सुख जीवन प्यारे साथ हो।
हरि चरणों में शीश नवाऊं। श्री बांकेबिहारी तेरी आरती गाऊं॥
श्री हरि दास के प्यारे तुम हो। मेरे मोहन जीवन धन हो।
देखि युगल छवि बलि-बलि जाऊं। श्री बांकेबिहारी तेरी आरती गाऊं॥
आरती गाऊं प्यारे तुमको रिझाऊं। हे गिरिधर तेरी आरती गाऊं।
श्री श्यामसुन्दर तेरी आरती गाऊं। श्री बांकेबिहारी तेरी आरती गाऊं॥