उत्तर प्रदेश – हाथरस में हादसा: घटना स्थल पर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी, मीडिया को बताया सत्संग में कैसे मची भगदड़ और कैसे गयी सैकड़ों लोगों की जान। हाथरस में मंगलवार कल सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 124 लोगों की मौत हो गई। नारायण साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग में यहां देश के कई राज्यों से भक्त पहुंचे थे। इस मामले को लेकर सीएम योगी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इसमें जो भी जिम्मेदार होगा, उसको कड़ी सजा मिलेगी।
आज यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने हाथरस पुलिस लाइन में पुलिस अधिकारियों से हालात का जायजा लिया। जायजा लेने के बाद सरकारी अस्पताल में भगदड़ की घटना में घायल हुए लोगों से अस्पताल में मुलाकात की। घायलों से मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए सीएम योगी ने कहा – “इस पूरे हादसे में 121 भक्तों की मौत हुई है। जो उत्तर प्रदेश के साथ साथ हरियाणा, राजस्थान और मध्यप्रदेश से भी जुड़े हुए थे। वहीं प्रदेश में हाथरस, बदायूं, कासगंज, अलीगढ़, एटा, ललितपुर, फैजाबाद, आगरा जनपद के लोग शामिल हैं। हाथरस के जिला अस्पताल में कई लोगों का इलाज चल रहा है। इस घटना के चश्मदीद से बात की उन्होंने बताया कि हादसा कार्यक्रम के दौरान ही हुआ। इस कार्यक्रम में जो सज्जन अपना उपदेश देने आए थे और मंच से उतरने के बाद जीटी रोड के पास उनका काफिला आया तो उसे छूने की कोशिश में महिलाओं का एक काफिला आगे बढ़ा और लोग इस हादसे का शिकार हो गए। इसका सबसे दुखद पहलू यह था कि जो सेवादार प्रशासन को भी अंदर नहीं जाने देते। ऐसे लोगों ने इस घटना को दबाने का प्रयास किया।”
सीएम योगी आदित्यनाथ ने हाथरस की घटना पर राजनीति करने वाले राजनीतिक दलों को भी फटकार लगाई है। उन्होंने कहा – “इस प्रकार की घटना पर पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त करने के बजाए राजनीति करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। यह समय पीड़ितों के घावों पर मरहम लगाने का है, नमक छिड़कने का नहीं। सरकार इस मामले में पहले से संवेदनशील है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।”
सीएम ने आगे कहा – “इसकी जांच के लिए एडीजी आगरा की अगुवाई में एक कमेटी गठित की गई है। इस घटना की तह तक जाने के लिए उनसे कहा गया है। इस घटना में आयोजकों को भी पूछताछ के लिए भी बुलाया जाएगा। सीएम ने कहा कि क्या यह हादसा या साजिश? अगर साजिश है तो उसकी भी जांच की जाएंगी। इस तरह का हादसा दोबारा न हो इसके लिए एक एसओपी बनाई जाएंगी ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।”