ज्योतिष – भविष्यवाणी: महामारी, आपदा, युद्ध का संकट एक बार फिर।

ज्योतिष – भविष्यवाणी: महामारी, आपदा, युद्ध का संकट एक बार फिर। निकट भविष्य में ग्रहों के गोचरीय संयोग ला सकते हैं महामारी। धन समृद्धि के कारक देव गुरु बृहस्पति अभी अपनी शत्रु राशि बृषभ में भ्रमण कर रहे हैं। जो अभी 3 जून तक अस्त भी रहेंगे। इस दौरान लोगों का धार्मिक अनुष्ठानों में कम मन लगने की संभावना है। उधर दूसरी ओर न्याय के देवता शनि 30 जून को वक्री हो रहे हैं जो 15 नवंबर को मार्गी होंगे। गुरु का शत्रु राशि में भ्रमण और शनि का वक्रत्व किसी बड़ी महामारी को निमंत्रण दे सकता है। गुरु 9 अक्टूबर से 4 फरवरी तक वक्री रहेंगे। इस दौरान एक समय वो होगा जब गुरु और शनि दोनों ही वक्री होंगे। यह समय होगा 4 अक्टूबर से 15 नवंबर तक का। गुरु जब कमजोर या अशुभ होते हैं तब ऋणात्मक ऊर्जा को बल मिलने लगता है। यही कारण है इस समय कोई नयी महामारी दस्तक दे सकती है या कोई पुरानी महामारी फिर से पूरे विश्व को चपेट में ले सकती है। इसी बीच मंगल 20 अक्टूबर को नींच के होने पर अशुभता को और बढ़ा देंगे। अब इन गोचरों का अशुभ प्रभाव उन लोगों पर ज्यादा होगा जिनकी कुंडली में लग्नेश, चंद्रेश, गुरु, शनि और मंगल कमजोर या अशुभ अवस्था में होंगे। मजबूत और शुभ प्रभाव के ग्रहों वाले लोग इस समय को मजबूती के साथ व्यतीत कर पायेंगे।