US Air Strike In Yemen: अमेरिका ने एक बार फिर यमन में हवाई हमले किए हैं। इस बार यह हमला यमन के तेल बंदरगाह रास ईसा पर किया गया। बतादें, इस बंदरगाह पर हूती विद्रोहियों का कब्जा था। हूतियों ने बताया कि अमेरिकी हवाई हमले में 74 लोग मारे गए। जबकि 171 अन्य घायल हुए हैं। अमेरिकी सेना की सेंट्रल कमांड ने इस हमले की पुष्टि की है।
ट्रंप शासन में अमेरिकी सैन्य विमान यमन की राजधानी सना में लगातार हूतियों के अड्डों को निशाना बना रहे हैं। पहली बार है कि किसी हमले में इतनी बड़ी संख्या में हूतियों की मौत हुई है। हूतियों ने बंदरगाह पर हमले के बाद की स्थिति का वीडियो जारी किया। इसमें घटनास्थल पर लाशें बिखरी हुई दिखाई दे रही हैं। वीडियो में कहा गया है कि बंदरगाह पर पैरामेडिक और नागरिक कर्मचारी हमले में मारे गए। इससे भीषण विस्फोट हुआ और आग लग गई।
वहीं अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने कहा, “अमेरिकी बलों ने ईरान समर्थित हूतियों के लिए ईंधन के स्रोत को खत्म करने और उन्हें अवैध राजस्व से वंचित करने के लिए कार्रवाई की है। इसने 10 वर्षों से अधिक समय तक पूरे क्षेत्र को आतंकित करने के हूती प्रयासों को वित्त पोषित किया है।” सेंट्रल कमांड ने कहा, “इस हमले का उद्देश्य यमन के लोगों को नुकसान पहुंचाना नहीं था। लोग हूती शासन को उतार फेंकना चाहते हैं और शांति से रहना चाहते हैं।”
इस्राइल हमास के युद्ध् के बीच कनाडा के पीएम मार्क कार्नी ने संघर्ष विराम की अपील की हे। कनाडा के पीएम ने गाजा में युद्ध विराम करने, मानवीय सहायता पर लगी रोक को खत्म करने और गाजा में सहायता पहुंचाने का आह्वान किया। कार्नी ने X पर लिखा कि हमें तत्काल युद्ध विराम, सभी बंधकों की रिहाई, गाजा में नागरिकों के लिए अधिक मानवीय सहायता और इस्राइलियों और फलस्तीनियों के लिए एक स्थायी दो-राज्य समाधान की आवश्यकता है।
संयुक्त राष्ट्र ने गाजा में पिछले 40 दिनों से खाद्य आपूर्ति बंद होने पर चिंता जताई है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि गाजा के लगभग 20 लाख से ज्यादा लोग 10 लाख लोगों के भोजन पर निर्भर हैं। यह भोजन सहायता समूहों की ओर से चलाई जा रही चैरिटी रसोई में बन रहा है। खाद्य आपूर्ति बंद होने से यहां खाद्य वितरण कार्यक्रम बंद हो गए हैं। संयुक्त राष्ट्र और अन्य सहायता समूह अपने बचे हुए स्टॉक को चैरिटी रसोई में भेज रहे हैं। गाजा में भोजन के लिए लोग केवल बाजार पर निर्भर हैं, लेकिन कीमतें ज्यादा होने से लोग खाद्य पदार्थ नहीं खरीद पा रहे हैं। भोजन के लिए चारों तरफ मारामारी है।