प्रथम पूज्य विघ्नहर्ता मंगलमूर्ति भगवान गणेश को समर्पित यह मंदिर कर्नाटक प्रांत के बैंगलोर शहर के बसवन गुड़ी में स्थित है। दक्षिण भारत में ‘डोडा’ का अर्थ बहुत बड़ा से होता है। जैसा नाम तैसा ही आकार है यहाँ स्थापित भगवान गणेश की प्रतिमा का। ये 18 फुट ऊँची, 16 फुट चौड़ी है। इस प्रतिमा को काले ग्रेनाइट की एक ही शिला में उकेरा गया है।
डोडा मन्दिर को बैंगलोर के स्यंभू गणपति भी कहा गया है। इस मंदिर का निर्माण 1537 के आसपास का माना जाता है। मंदिर प्राचीन दक्षिण भारतीय वास्तुकला का एक बेहतरीन उदाहरण है। यही विशाल गणपति प्रतिमा मंदिर के गर्भगृह में स्थापित है। इस मंदिर के पीछे नंदी की एक बहुत बड़ी प्रतिमा है जिसे विश्व की सबसे ऊँची नंदी प्रतिमा के रूप में जाना जाता है।
डोडा गणपति का श्रृंगार फूलों से नहीं बल्कि मक्खन से किया जाता है। इस मंदिर में भगवान गणेश का श्रृंगार 100 किलो मक्खन से किया जाता है। इस सजावट को ‘बेन्ने अलंकार’ कहा जाता है. इतना ही नहीं, यहां भगवान गणेशजी की मूर्ति पर लगाया गया मक्खन कभी पिघलता नहीं है। भगवान की मूर्ति पर लगाए गये मक्खन को भक्तों के बीच प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है।
इतिहासकारों के अनुसार, इस मंदिर का टीपू सुल्तान के अंग्रेजों के खिलाफ मुहिम से गहरा संबंध है। टीपू सुल्तान के सेनापति ने इसी मंदिर के परिसर में ही ब्रिटिश सेना के खिलाफ रणनीति बनाई थी और उन पर हमला किया था