Bloodbath On Dalal Street: अमेरिका में मंदी की बढ़ती आशंकाओं और वैश्विक व्यापार युद्ध की चिंता के बीच सोमवार को पूरी दुनिया के शेयर बाजार में भारी बिकवाली दिखी। भारतीय बाजार भी इससे अछूता नहीं रहा और सेंसेक्स व निफ्टी जैसे प्रमुख सूचकांक 4% से ज्यादा टूट गए। मध्याह्न 12:15 बजे सेंसेक्स 3,141.82 अंक यानी 4.16% गिरकर 72,222.87 के स्तर पर आ गया। दूसरी ओर, निफ्टी 1,012.41 अंक या 4.42% कमजोर होकर 21,892.05 के स्तर पर कारोबार करता दिखा। इस दौरान क्षेत्रवार सूचकांक भी 8% तक गिरे, जिस कारण निवेशकों को करीब 19 लाख करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा।
सप्ताह की शुरुआत में सोमवार को घरेलू बाजार में हुई भारी बिकवाली के बीच कुछ बड़ी कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट दिखी। रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर अपने 52 हफ्तों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया और 5% से अधिक की गिरावट के साथ BSE पर 1144.90 रुपये के भाव पर कारोबार करता दिखा। बीते 6 दिनों में कंपनी के मार्केट कैप में करीब 2 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई है। HCL, टेक महिंद्रा, इंफोसिस, L&T, TCS के शेयरों पर भी भारी बिकवाली का असर दिखा। मेटल सेक्टर के शेयरों का हाल सबसे खराब रहा।
BSE पर टाटा स्टील का शेयर 11.56%, जिंदल स्टेनलेस का 9.91%, नेशनल एल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड (NACL) का 11.22%, एपीएल अपोलो ट्यूब्स का 10%, जेएसडब्ल्यू स्टील का 9.92% और सेल का 9.99% टूट गया। हिंदुस्तान जिंक के शेयरों में 9.83%, Hindalco इंडस्ट्रीज में 8.95%, एनएमडीसी में 8.48% तथा जिंदल स्टील एंड पावर में 8.19% की गिरावट आई। BSE धातु सूचकांक 6.52% गिरकर 26,594.09 पर आ गया। अमेरिका में ट्रंप प्रशासन की ओर से अपेक्षा से अधिक जवाबी टैरिफ लगाए जाने से मंदी की आशंकाएं और वैश्विक आर्थिक विकास के प्रति चिंताएं बढ़ गई हैं, जिसके कारण धातु शेयरों में तेज गिरावट दर्ज की गई। इस सप्ताह ही नहीं पिछले सप्ताह भी शुक्रवार को धातु कंपनियों के शेयरों में 8% से अधिक की गिरावट आई थी।
BSE पर सूचीबद्ध सभी कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 19.4 लाख करोड़ रुपये घटकर 383.95 लाख करोड़ रुपये रह गया। अधिकतर सभी सेक्टर लाल निशान में रहे, निफ्टी आईटी में 7% से अधिक की गिरावट आई। निफ्टी ऑटो, रियल्टी और ऑयल एंड गैस में 5% से अधिक की गिरावट आई। व्यापक बाजार में, स्मॉल-कैप और मिड-कैप सूचकांक क्रमशः 10% और 7.3% तक गिरे। भारत बाजार में उतार-चढ़ाव को मापने वाला इंडिया VIX 59% चढ़कर 21.94 अंकों पर पहुंच गया। बाजार में बढ़े भय के माहौल के कारण इंडिया VIX में पहली बार एक दिन में इतना तेज उछाल दिखा। बाजार की गिरावट के बीच वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड में भी बड़ी गिरावट दिखी और यह 2.74% गिरकर 63.78 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
ट्रंप टैरिफ के बाद शेयर बाजार में आए भूचाल से एशियाई और अमेरिकी बाजारों में भी जबरदस्त बिकवाली हुई है। एशियाई बाजारों में – हांगकांग का हैंगसेंग लगभग 11% तक गिर गया, टोक्यो का निक्केई 225 लगभग 7% तक टूटा, और शंघाई एसएसई कम्पोजिट सूचकांक 6% से की गिरावट के साथ कारोबार करता दिख रहा है। दक्षिण कोरिया के कोस्पी सूचकांक में भी 5% की बड़ी गिरावट दर्ज की गई। अमेरिकी बाजारों का हाल भी ऐसा ही रहा। एसएंडपी500 शुक्रवार को 5.97% की गिरावट के साथ बंद हुआ। दूसरी ओर, नैस्डैक कंपोजिट में 5.82% की गिरावट दर्ज की गई और डॉव 5.50% तक फिसल गया।
स्टॉककार्ट के निदेशक और CEO प्रणय अग्रवाल ने कहा, “आज के ब्लैक मंडे ने भारतीय बाज़ारों को हिलाकर रख दिया है, लेकिन निवेशकों और व्यापारियों को शांत रहना चाहिए। अस्थिरता अवसर लाती है, लेकिन केवल मजबूत जोखिम प्रबंधन के साथ… याद रखें, यह भी बीत जाएगा।” एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने शुक्रवार को 3,483.98 करोड़ रुपये मूल्य की इक्विटी बेची। इस दौरान, सेंसेक्स 930.67 अंक या 1.22% गिरकर 75,364.69 पर बंद हुआ। निफ्टी 345.65 अंक या 1.49% गिरकर 22,904.45 पर बंद हुआ। पिछले सप्ताह सेंसेक्स में 2,050.23 अंक या 2.64% की गिरावट आई, जबकि एनएसई निफ्टी में 614.8 अंक या 2.61% की गिरावट आई।