महीने में दूसरी बार ओला इलेक्ट्रिक में छंटनी! 1000 से ज्यादा कर्मचारियों को निकालने की तैयारी; बीते 6 माह में शेयर 52% लुढ़का।

महीने में दूसरी बार ओला इलेक्ट्रिक में छंटनी! 1000 से ज्यादा कर्मचारियों को निकालने की तैयारी; बीते 6 माह में शेयर 52% लुढ़का।

Ola Electric Layoffs: 5 ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड (Ola Electric Mobility Ltd.) ने अपनी बढ़ती आर्थिक मुसीबतों को कम करने के लिए एक बार फिर 1000 से ज्यादा कर्मचारियों और कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स की छंटनी की तैयारी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रोक्योरमेंट, फुलफिलमेंट, कस्टमर रिलेशन और चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे कई विभागों में यह छंटनी की जा रही है।

5 महीने में दूसरी बार छंटनी

ओला इलेक्ट्रिक में यह छंटनी ऐसे समय पर हो रही है जब कंपनी पहले ही पिछले 5 महीनों में एक राउंड की छंटनी कर चुकी है। नवंबर 2024 में भी कंपनी ने करीब 500 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला था। इस बार की छंटनी कंपनी के कुल कर्मचारियों का 25% से ज्यादा है, हालांकि इसमें कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स भी शामिल हैं, जिनकी जानकारी सार्वजनिक रूप से कंपनी नहीं देती। कंपनी अपने कस्टमर रिलेशन ऑपरेशंस को ऑटोमेट करने पर काम कर रही है, जिससे लागत घटाई जा सके और कुछ काम मशीनों के जरिए हो सके।

ओला के शेयरों में 5% की गिरावट

ओला इलेक्ट्रिक में छंटनी की खबरों के बाद आज ओला के शेयर में 5% की गिरावट देखने को मिली है। ये नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर 54 रुपए के करीब कारोबार कर रहा है। बतादें, बीते 6 महीने में शेयर की कीमत करीब 52% गिर चुकी है। वहीं इस साल शेयर करीब 37% गिरा है।

तीसरी-तिमाही (Q3) में ओला का घाटा 50% बढ़ा

7 फरवरी को कंपनी द्वारा जारी तीसरी तिमाही के नतीजों के अनुसार, ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में 564 करोड़ रुपए का शुद्ध नुकसान (कॉन्सोलिडेटेड नेट लॉस) हुआ था। वहीं, एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी को 376 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। सालाना आधार पर कंपनी का लॉस 50% बढ़ा है। ऑपरेशन से कंपनी के कॉन्सोलिडेटेड रेवेन्यू की बात करें तो अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में यह 1,045 करोड़ रुपए रहा है। सालाना आधार पर इसमें 19% की कमी हुई है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी ने 1,296 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया था। बतादें, वस्तुओं और सेवाओं को बेचने से मिली राशि को रेवेन्यू या राजस्व कहा जाता है।