ट्रंप के फंडिंग पर दिए बयान पर वित्त मंत्रालय की आई सफाई – “सात परियोजनाओं के लिए मिले 75 करोड़ डॉलर, कोई प्रोजेक्ट चुनाव से जुड़ा नहीं।”

ट्रंप के फंडिंग पर दिए बयान पर वित्त मंत्रालय की आई सफाई – “सात परियोजनाओं के लिए मिले 75 करोड़ डॉलर, कोई प्रोजेक्ट चुनाव से जुड़ा नहीं।”

Finance Ministry Report On USAID: अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (USAID) फंडिंग विवाद के बीच वित्त मंत्रालय ने बड़ा खुलासा किया है। वित्त मंत्रालय ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में अमेरिकी एजेंसी ने 75 करोड़ अमेरिकी डॉलर की 7 परियोजनाओं की फंडिंग की। जबकि वित्तीय वर्ष 2023-24 की 7 परियोजनाओं के तहत एजेंसी द्वारा कुल $97 मिलियन (लगभग 825 करोड़ रुपये) का दायित्व बनाया गया है। लेकिन इन सातों परियोजनाओं का मतदान बढ़ाने या चुनाव से को नाता नहीं है।

रिपोर्ट में दी परियोजनाओं की जानकारी के मुताबिक, अमेरिकी एजेंसी ने कृषि और खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम, आपदा प्रबंधन, जल, सफाई एवं स्वास्थ्य, नवीकरणीय ऊर्जा और स्वास्थ्य से जुड़ी परियोजनाओं के लिए फंडिंग की। वित्त मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि एजेंसी ने वन एवं जलवायु अनुकूल कार्यक्रम और ऊर्जा दक्षता प्रौद्योगिकी व्यवसायीकरण और नवाचार परियोजना के लिए फंडिंग करने का वादा किया है। बतादें, 1951 से USAID से शुरू हुई इस आर्थिक मदद में अब तक भारत को अमेरिका से 555 परियोजनाओं के लिए कुल 1700 करोड़ रुपये की मदद मिल चुकी है।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का फंडिंग पर बयान

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने कहा था कि हमें भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए 2.1 करोड़ डॉलर देने की क्या जरूरत है? मुझे लगता है कि वे (बाइडन सरकार) चाहते थे कि चुनाव में किसी और को चुना जाए। हमें इस बारे में भारत सरकार को बताना चाहिए…यह चौंकाने वाला है। भारत के पास पहले से ही काफी पैसा है। वे सबसे ज्यादा टैक्स लगाने वाले देश हैं। हम मुश्किल से उनके बाजार में अपना सामान भेज पा रहे हैं क्योंकि उनके टैरिफ बहुत ज्यादा हैं। मैं भारत और उनके प्रधानमंत्री का सम्मान करता हूं, लेकिन भारत के चुनाव में 2.1 करोड़ की फंडिंग देने का क्या मतलब है? यहां के मतदान प्रतिशत का क्या? इसके बाद भारत में राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है।

सरकारी दक्षता विभाग ने किया था खुलासा

एलन मस्क (Elon Musk) के नेतृत्व वाले सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) ने खुलासा किया है कि अमेरिका द्वारा दुनियाभर के देशों को फंडिंग देने वाली एजेंसी USAID के जरिए भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए 2.1 करोड़ डॉलर का योगदान दिया गया। सरकारी दक्षता विभाग ने फिलहाल यूएसएआईडी द्वारा की जाने वाली अधिकतर फंडिंग पर रोक लगा दी है।

USAID की फंडिंग पर भारत की प्रतिक्रिया

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस मामले पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा, ‘ट्रंप प्रशासन से जो जानकारी सामने आई है, वह चिंताजनक है। सरकार इस पर जांच कर रही है। अगर इसमें कोई सच्चाई है, तो देश को यह जानने का हक है कि इसमें कौन लोग शामिल हैं।’ जयशंकर ने यह भी कहा कि यूएसआईडी को भारत में अच्छे कामों के लिए अनुमति दी गई थी, लेकिन अगर इसमें कोई गलत गतिविधि हो रही है, तो इसकी जांच जरूरी है।

विपक्ष ने लगाए गंभीर आरोप

USAID फंडिंग विवाद के बीच, कांग्रेस ने भाजपा पर निशाना साधने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। कांग्रेस ने भाजपा पर ‘अमेरिका से झूठी खबरें’ फैलाने और ‘राष्ट्र-विरोधी कार्य’ करने का आरोप लगाया। कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर को यह बताना चाहिए कि जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क बार-बार भारत का ‘अपमान’ कर रहे हैं, तो सरकार चुप क्यों है? हालांकि, सत्ताधारी भाजपा ने कांग्रेस के इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।