अजा एकादशी 2024: 29 अगस्त को अजा एकादशी पर सिद्धि और सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग, व्रत पूजन एवं रात्रि जागरण देगा कई गुना फल। भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को ‘अजा एकादशी’ के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से साधक को शुभ फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही भगवान विष्णु की कृपा से सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं। एकादशी तिथि 29 अगस्त को मध्य रात्रि 01 बजकर 19 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 30 अगस्त को मध्य रात्रि 01 बजकर 37 मिनट पर होने जा रहा है। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, अजा एकादशी का व्रत गुरुवार, 29 अगस्त को रखा जाएगा।
अजा एकादशी पर भगवान विष्णु का लक्ष्मी जी के साथ पूजन करना चाहिए। इसके बाद दक्षिणावर्ती शंख में केसर मिश्रित दूध लेकर उससे विष्णु जी का अभिषेक करें। इस दिन विष्णु जी के मंत्रों का जाप करना भी बहुत ही शुभ माना जाता है। अगले दिन यानी द्वादशी तिथि पर अपनी क्षमता के अनुसार, किसी ब्राह्मण को दान-दक्षिणा दें। ऐसा करने से साधक के जीवन में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है। “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का निरंतर जप (अजपा) भगवान नारायण की कृपा प्राप्त करने में सहायक होता। इस मंत्र के जाप से तन और मन में एक दिव्य ऊर्जा की अनुभूति होती है।
अजा एकादशी को हिंदू धर्म में बेहद शुभ दिन माना जाता है। इस दिन व्रत करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे भगवान विष्णु के वैकुण्ठ धाम में भक्तों को स्थान मिलता है। एकादशी व्रत करने वाला व्यक्ति संसार की मोह माया के बंधनों से भी मुक्त होता है और धीरे धीरे उसके अंदर की सभी बुराइयां समाप्त हो जाती हैं। इस दिन व्रत करने वाले को पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।