शनिदेव को समर्पित यह मंदिर भारत के छत्तीसगढ़ प्रांत के बिलासपुर जिले के चिल्हाटी गांव में स्थित है। बिलासपुर के चिल्हाटी स्थित शनि मंदिर का निर्माण भी महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर की तरह ही कराया गया है। इस मंदिर में शनिदेव की प्रतिमा शनि शिंगणापुर में स्थापित प्रतिमा की तरह ही है। जो मात्र एक काले शिला के रूप में खुले आसमान के नीचे स्थापित है। यह मंदिर शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर है। भक्त यहां दूर दूर से आते हैं। यहां शनिवार सुबह 4 बजे से भगवान शनि की पूजा करने का सिलसिला शुरू होता है जो दोपहर तक चलता है।
चिल्हाटी शनि मंदिर (Chilhati Shani Temple) की ख्याति लगातार बढ़ती जा रही है। भक्तों का तांता शनिवार को सुबह से ही लगना शुरू हो जाता है। मान्यता है कि इस मंदिर में 3 शनिवार तिल का तेल चढ़ाकर पूजा करने से सभी मनोकामना की पूर्ति होती है। मंदिर के पंडित विजय महाराज बताते हैं, “3 शनिवार तिल तेल से अभिषेक कर प्रतिमा में काला कपड़ा बांधने से मनोकामना की पूर्ति होती है। विवाह बाधा, ज्योतिष बाधा, भूत बाधा जैसे कई बाधाओं को यहां तीन शनिवार पूजा करने से दूर किया जा सकता है। इसके अलावा किसी भी शुभ कार्य के लिए पूजा करने पर कार्य करने के दौरान कोई बाधा उत्पन्न नहीं होती और भक्तों के साथ भगवान शनि हमेशा रहते हैं। उनके कार्य पूरा होने तक भगवान शनि अपनी कृपा बनाए रखते हैं ताकि किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न ना हो सके।”
भगवान शनि की कृपा जिस पर बनती है। उसका जीवन खुशियों से भर जाता है और उसके जीवन में कोई विपत्ति नहीं आती। बिलासपुर में रहने वाले शनि देव के भक्तों में से कई भक्तों ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया, “जब से चिल्हाटी शनि मंदिर में आना शुरू किया है तब से उनके सारे बिगड़े काम बनते गए और उनकी जो मनोकामनाएं थीं वे भी पूरी होने लगीं हैं। उनमें से एक भक्त ने बताया कि “वह दो महीने पहले आकर दर्शन कर चले गए थे, लेकिन उन्हें रात में शनि देवता ने स्वप्न दिया और मंदिर आकर दर्शन करने कहा। स्वप्न में शनि भगवान के आने के बाद वह यहां आए हैं।”