डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन को दिया बड़ा झटका, इस्राइल-मिस्र को छोड़कर दुनिया भर में वित्तीय मदद पर लगाई रोक।

डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन को दिया बड़ा झटका, इस्राइल-मिस्र को छोड़कर दुनिया भर में वित्तीय मदद पर लगाई रोक।

US Issues Pause on Foreign Aid: डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद से अमेरिकी प्रशासन लगातार नए आदेश जारी कर रहा है। शुक्रवार 24 जनवरी को अमेरिका के विदेश विभाग ने लगभग सभी विदेशी वित्तपोषण पर रोक लगा दी। अमेरिका केवल मानवीय खाद्य कार्यक्रमों और इस्राइल एवं मिस्त्र को मदद जारी रखेगा। इस घोषणा के साथ ही अमेरिका दुनियाभर में स्वास्थ्य, शिक्षा, विकास, नौकरी प्रशिक्षण की जो भी मदद देता है, उन पर तत्काल प्रभाव से रोक लग जाएगी।

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्कीको बड़ा झटका

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा सभी देशों को की जा रही वित्तीय सहायता पर रोक लगाने के बाद यूक्रेन को बड़ा झटका लगा है। अमेरिका की वित्तीय सहायता की वजह से यूक्रेन इतने लंबे समय तक रूस से युद्ध लड़ पाया। नई घोषणा के अनुसार, नई सरकार वैश्विक आर्थिक सहायता के मद में कोई खर्च नहीं करेगी और दूतावास के पास ही जो फंड बचा है, उसके खत्म होने तक वे सहायता कार्यक्रम चला सकते हैं। हालांकि पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन पहले ही बड़ी मात्रा में यूक्रेन के लिए फंडिंग की मंजूरी दे गए हैं, लेकिन अमेरिकी विदेश विभाग के फैसले से नई फंडिंग पर रोक लग गई है। ऐसे में यूक्रेन के सामने भारी चुनौती आने वाली है।

समीक्षा के बाद ही वित्तपोषण जारी रखने का लिया जाएगा फैसला

वित्तीय सहायता पर रोक लगने के बाद अमेरिकी विदेश विभाग इस बात की समीक्षा करेगा कि कौन सी अमेरिकी सहायता और विकास कार्यक्रमों को जारी रखा जा सकता। इस आदेश के बाद से विश्व भर में जहां जहां सहायता मिल रही थी उन संस्थाओं को काफी निराशा मिली है, क्योंकि अमेरिका के इस फैसले से दुनियाभर में स्वास्थ्य कार्यक्रमों की नई फंडिंग पर भी रोक लग गई है।

दूतावासों को भेजे गए आदेश में कहा गया है कि फंडिंग रोकने का फैसला यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया है कि फंडिंग प्रभावी हो और राष्ट्रपति ट्रंप की विदेश नीति के अनुरूप हो। इस समीक्षा के लिए विदेश विभाग को 3 महीने मिले हैं। इन 3 महीनों में, राष्ट्रपति से सिफारिशें करने के लिए कि कौन सी विदेशी सहायता जारी रखी जाएं और कौन सी बंद कर दी जाएं, इस संबंध में विदेश विभाग एक रिपोर्ट तैयार करेगा। रिपोर्ट तैयार होने के बाद विदेश मंत्री मार्को रूबियो, राष्ट्रपति ट्रंप के सामने पेश करेंगे।