भगवान शिव को समर्पित एवं उन्हीं के द्वारा स्थापित यह शिव मंदिर भारत के उत्तरप्रदेश प्रांत के आगरा शहर के रावतपारा में दरेसी रोड पर स्थित है। श्री मनकामेश्वर मंदिर को सबसे प्राचीन शिव मंदिरों में से एक माना जाता है। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि स्वयं भगवान शिव ने यहां पर द्वापर युग में शिवलिंग स्थापित किया था। मान्यता है कि इस मंदिर में भगवान शिव के दर्शन करने मात्र से व्यक्ति की हर कामना पूर्ण हो जाती है।
श्री मनकामेश्वर मंदिर (Shri Mankameshwar Temple) में मौजूद शिवलिंग पूरी तरह से चांदी से मढ़ा हुआ है। मनकामेश्वर मंदिर के गर्भगृह में शिवलिंग के साथ-साथ उनका पूरा परिवार भी विराजित है। हर खास मौके पर शिवलिंग का श्रृंगार किया जाता है, जो काफी मनमोहक होता है। इसके साथ ही यहां पर 1 नहीं बल्कि 11 अखंड ज्योति जलती रहती है। यहां भगवान शिव के अलावा सिद्धेश्वर और ऋणमुक्तेश्वर महादेव के शिवलिंग भी विराजमान हैं। यहां भैरव, यक्ष और किन्नर की मूर्तियों के भी दर्शन होते हैं।
श्री मनकामेश्वर मंदिर को लेकर एक पौराणिक कथा काफी प्रचलित है। इसके अनुसार, द्वापर युग में जब मथुरा में विष्णु अवतार भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था, तो हर देवी-देवता उनके दर्शन करने मथुरा आ रहे थे। ऐसे में भगवान शिव का भी मन हुआ कि वह भी कान्हा को अपनी आंखों से देखें और अपनी गोद में खिलाएं। इसलिए वह मथुरा पहुंचे और मथुरा में रुक कर रातभर तपस्या की और प्रण लिया कि अगर वह कान्हा को गोद में खिला पाएं, तो यहां पर एक शिवलिंग की स्थापना करेंगे। ऐसे में वह अगले दिन कान्हा से मिलने उनके घर पहुंचे, लेकिन जब वह गोकुल पहुंचे, तो यशोदा मां ने उनके भस्म-भभूत और जटाएं वाला रूप देखकर उन्हें मना कर दिया।
यशोदा मैया ने कहा कि आपका यह रूप देखकर मेरा कान्हा डर जाएगा। तब शिव जी घर के पास ही एक बरगद के पेड़ के नीचे बैठकर ध्यान लगाकर बैठ गए। वहीं, दूसरी ओर जब कान्हा का पता चला कि स्वयं शिव जी उनसे मिलने आए है, तो उन्होंने अपनी लीला शुरू कर दी। ऐसे में वह मां यशोदा के सामने खूब रोने लगे और शिव जी की ओर इशारा करने लगे। तब यशोदा मां ने शिव जी को बुलाया और कान्हा को उनकी गोद में दे दिया और तुरंत ही वह चुप हो गए। भगवान शिव ने जब कान्हा को गोद में खिला लिया, तो उन्होंने प्रण को पूरा करते हुए शिवलिंग की स्थापना की। चूंकि, भगवान शिव की मनोकामना पूर्ण हुई थी इसलिए इस मंदिर का नाम मनकामेश्वर मंदिर पड़ा। शिवलिंग की स्थापना के बाद शिव ने यह भी कहा कि जो व्यक्ति सच्चे मन से यहां पर अपनी कामना कहेंगे उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होगी।