भगवान श्रीकृष्ण-राधा और श्रीराम-सीता को समर्पित यह मंदिर भारत के मथुरा जिले में छटीकरा से 3 किलोमीटर दूर वृंदावन की ओर भक्तिवेदान्त स्वामी मार्ग पर स्थित है। इस भव्य मंदिर की संरचना पांचवें जगदगुरु कृपालु जी महाराज द्वारा सन 2001 ई. में स्थापित की गई थी। मंदिर पूरे 1000 मजदूरों द्वारा 11 सालों में बनकर तैयार किया गया था। इस मनमोहक मंदिर को देखने के लिए देश और विदेश से लोग वृंदावन आते हैं। इस मंदिर की सुंदरता हर किसी को मंत्रमुग्ध कर देती है। जो एक बार मंदिर देख लेता है उसका मन यहां बार बार आने के लिए करता है।
प्रेम मंदिर (Prem Mandir) का शिलान्यास 14 जनवरी 2001 को कृपालु जी महाराज द्वारा किया गया था। मंदिर का निर्माण 2001 से शुरू हुआ, जो 2012 में जा कर पूर्ण हुआ। इसका उद्घाटन समारोह 15 फरवरी से 17 फरवरी 2012 तक आयोजित किया गया। फिर 17 फरवरी को इसे श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए सार्वजनिक रूप से खोला दिया गया था। इस मंदिर की ऊंचाई 125 फीट की है और लंबाई 122 फीट है। वहीं मंदिर की चौड़ाई करीब 115 फीट है। ये मंदिर संगमरमर के पत्थरों से बनाया गया है जोकि इटली से मंगवाए गए थे। जिन्हें उत्तर प्रदेश और राजस्थान के शिल्पकारों ने मिलकर लगाया।
प्रेम के प्रतीक इस भव्य और मनमोहक प्रेम मंदिर में 94 कलामंडित स्तंभ हैं, जो किंकिरी और मंजरी सखियों के विग्रह को दर्शाते हैं। इसके अलावा मंदिर की सतरंगी रोशनी भी भक्तों को काफी आकर्षित करती हैं। होली और दीवाली में मंदिर का नजारा देखने लायक होता है जिसे देखने देश के अलावा विदेश से भी लोग आते हैं। मंदिर में सत्संग के लिए एक विशाल भवन का निर्माण किया गया है। जिसमें एक साथ 25000 हजार लोग बैठ सकते हैं। इस भवन को प्रेम भवन कहा जाता है। जोकि साल 2018 में आम लोगों के लिए खोल दिया गया था।
प्रेम मंदिर का मुख्य आकर्षण श्री कृष्ण की मनोहर झांकियां और सीता-राम का खूबसूरत फूल बंगला है। मंदिर में फव्वारे, श्रीकृष्ण और राधा की मनोहर झांकियां, श्रीगोवर्धन धारणलीला, कालिया नाग दमनलीला, झूलन लीलाएं बहुत ही खूबसूरत ढंग से दर्शाई गई है। प्रेम मंदिर की खासियत ये भी है कि ये दिन में बिल्कुल सफेद दिखाई देता है और शाम को ये अलग-अलग रंग में नजर आता है। बता दें कि यहां पर स्पेशल लाइटिंग लगाई गई है जिसकी वजह से हर 30 सेकेंड में मंदिर का रंग बदल जाता है।