INS-Tushil Commissioned Into Indian Navy: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी समेत अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में नए मल्टी-रोल स्टील्थ-गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट ‘INS तुशिल’ को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया। रूस के कैलिनिनग्राद में हुए इस कमीशनिंग समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में कहा, “आईएनएस तुशिल भारत की बढ़ती समुद्री ताकत का एक गौरवपूर्ण प्रमाण है। यह भारत और रूस के बीच लंबे समय से चली आ रही दोस्ती में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।”
राजनाथ सिंह ने कहा, “भारत और रूस के रिश्ते साझा मूल्यों, आपसी विश्वास और रणनीतिक साझेदारी की डोर से बंधे हैं। मिशन SAGAR (Security and Growth for All in the Region), हिंद महासागर क्षेत्र में सामूहिक सुरक्षा, समुद्री सहयोग और सतत विकास के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। इस प्रयास में हमें हमेशा रूस का समर्थन प्राप्त हुआ है।”
राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि भारत के ‘आत्मनिर्भर भारत’ विजन को रूस से हमेशा समर्थन मिलता है। उन्होंने इसे भारत और रूस के बीच गहरी दोस्ती का एक और महत्वपूर्ण उदाहरण बताया। रक्षा मंत्री ने कहा कि आईएनएस तुशिल समेत कई जहाजों में ‘मेड इन इंडिया’ कंटेंट लगातार बढ़ रहा है। यह जहाज रूसी और भारतीय उद्योगों की सफल साझेदारी का एक बड़ा प्रमाण है। यह तकनीकी उत्कृष्टता की दिशा में भारत की यात्रा का उदाहरण देता है।
INS-तुशिल 125 मीटर लंबा और वजन में 3900 टन का जहाज है। तुशिल का डिजाइन इसे रडार से बचने की क्षमता और बेहतर स्थिरता प्रदान करता है। भारतीय नौसेना के विशेषज्ञ इंजीनियरों और रूसी शिप डिजाइन कंपनी सेवरनॉय डिजाइन ब्यूरो (Severnoye Design Bureau) के सहयोग से, INS तुशिल में स्वदेशी सामग्री को 26% तक बढ़ाया गया है और भारत निर्मित सिस्टम्स की संख्या बढ़कर 33 हो गई है, जो पहले की तुलना में दोगुनी से अधिक है।
INS तुशिल का निर्माण प्रमुख भारतीय कंपनियां ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड (BAPL), भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BHEL), बेलट्रॉन (Beltron), नोवा इंटीग्रेटेड सिस्टम (NISL), एल्कॉम मरीन (Elcom Marine), जॉनसन कंट्रोल्स इंडिया (Johnson Controls India) और कई अन्य ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्यूफैक्चरर कंपनियों ने मिलकर किया है।