छठ पूजा 2024

छठ पूजा 2024

Chhath Puja 2024: बिहार से शुरू हो कर अब पुरे विश्व में मनाये जाने वाले महापर्व ‘छठ पूजा’ की शुरुआत कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष के चतुर्थी के दिन से होती है, जो सप्तमी तिथि के उगते सूर्य को अर्घ्य देकर समाप्त होती है। इन चार दिनों के त्योहार को लोग अपने परिवार के साथ बड़े धूमधाम से मनाते हैं। छठ पूजा का व्रत 36 घंटे का निर्जला व्रत होता है जो सभी व्रतों में सबसे कठिन माना जाता है। छठ पूजा सूर्य की बहन छठी म‌इया को समर्पित है। छठी मैया, जिन्हें मिथिला में रनबे माय भी कहा जाता है, भोजपुरी में सबिता माई और बंगाली में ‘रनबे ठाकुर’ बुलाया जाता है। पार्वती का छठा रूप भगवान सूर्य की बहन छठी मैया को त्योहार की देवी के रूप में पूजा जाता है।

चार दिन तक चलने वाले इस पर्व में पहला दिन ‘नहाय खाय’ होता है। छठ के दूसरे दिन को ‘खरना’ कहते हैं। यहीं से निर्जला व्रत की शुरुआत होती है। छठ के तीसरे दिन संध्या अर्घ्य होता है। जिस दिन अस्त होते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं। छठ का अंतिम और चौथा दिन सुबह का अर्घ्य होता है। सप्तमी के दिन उगते सूर्य के साथ ही व्रत का पारण होता है। आइये इस चार दिन के छठ पूजा पर्व की संपूर्ण विधि को जानते हैं।

  1. Day 1 – नहाय खाय (Nahay Khay 2024)
    इस साल छठ महापर्व की शुरुआत 5 नवंबर 2024, मंगलवार के दिन है। नहाय खाय वाले दिन छठ करने वाली महिलाएं नहा-धोकर भगवान की पूजा करती है। जिसके बाद सात्विक भोजन बनाया जाता है। नहाय खाय वाले दिन घीया और चने की दाल से भोजन बनाया जाता है।
  2. Day 2 – खरना (Kharna 2024)
    छठ महापर्व का दूसरे दिन को खरना कहा जाता है। इस साल खरना 6 नवंबर 2024, बुधवार के दिन है। खरना वाले दिन व्रती महिलाएं निर्जला उपवास की शुरुआत करती हैं। शाम के समय गुड़ की खीर को पकाया जाता है और उसे रोटी पर रखकर भगवान को अर्पित करने के बाद सभी लोगों में प्रसाद के रूप में बांटा जाता है।
  3. Day 3 – संध्या अर्घ्य (Sandhya Arghya 2024)
    छठ महापर्व का तीसरा दिन संध्या अर्घ्य का होता है। 7 नवंबर, 2024 गुरुवार के दिन संध्या अर्घ्य है। छठ पूजा का ये दिन बेहद अहम होता है। इस दिन व्रती महिलाएं सूर्यास्त के समय किसी भी जगह पानी के किनारे डूबते सूर्य को अर्घ्य देती है।
  4. Day 4 – उषा अर्घ्य या पारण (Usha Arghya And Paran)
    छठ महापर्व के चौथे और अंतिम दिन को उषा अर्घ्य कहा जाता है। 8 नवंबर, 2024 के दिन व्रत का पारण होगा। इस दिन व्रती महिलाएं उगते सूर्य को अर्घ्य देती है। जिसके बाद ही महिलाएं व्रत का पारण करती है। जिसके बाद सभी को छठ का विशेष प्रसाद जिसे ठेकुआ भी कहा जाता है, लोगों को बांटा जाता है।