तिरुपति प्रसाद विवाद पर संतों की प्रतिक्रिया: राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा में बांटे गये तिरुपतिमंदिर से आये लड्डू, लड्डुओं में बीफ एवं मछली के तेल मिले होने की पुष्टि, देश भर के संतों में रोष व्याप्त। आंध्रप्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में लड्डुओं के प्रसाद पर छिड़ा विवाद बढ़ता ही जा रहा है। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) ने इस प्रसाद में पशुओं की चर्बी और मछली का तेल होने की पुष्टि करने के बाद से तमाम हिन्दू श्रद्धालुओं एवं संतों में आक्रोश देखने को मिल रहा है। तिरुपति मंदिर में करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था है। अयोध्या में जब भव्य राम मंदिर का उद्घाटन हुआ था तब भी ये प्रसाद रामलला के विग्रह प्राण प्रतिष्ठा में लाया गया था, जिसे भक्तों को वितरित किया गया था। इस बात को राम मंदिर के मुख्य पुजारी सतेन्द्र दास ने स्वीकारा है।
बतादें, अयोध्या में इसी साल 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों राम मंदिर में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी। इस अवसर पर देश के प्रसिद्ध मंदिरों से विभिन्न सामग्रियां भेजी गई थीं। इनमें तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट (TTD) की ओर से मंदिर के लड्डू प्रसादम (TirupatiPrasadam) को भेजा गया था। ये प्रसाद विशेष विमान से अयोध्या लाया गया था, जिसे भक्तों में वितरित किया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा है कि तिरुपति ट्रस्ट की ओर से 300 किलो लड्डू अयोध्या भेजे गए थे। इस प्रसाद को राम मंदिर दर्शनों के लिए आने वाले भक्तों में बांटा गया था। इस बात का खुलासा होने से हड़कंप मच गया है।
श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने मीडिया के सवाल किया गया तो उन्होंने तिरुपति के प्रसाद पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। उन्होंने कहा कि राम मंदिर में इलायची दाने के प्रसाद का वितरण होता है। वहीं ट्रस्ट के सदस्य अनिल कुमार मिश्र ने कहा कि तिरुपति मंदिर से लड्डू आए थे या नहीं उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है। हालांकि विश्व हिन्दू परिषद के पदाधिकारी गोपाल राव ने तिरुपति से प्रसाद आने की पुष्टि की है।
बता दें, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट का दावा किया था। लैब रिपोर्ट में भी इस बात की पुष्टि हो गई है कि जिस घी से ये लड्डू बनाए जाते थे उसमें जानवरों की चर्बी और मछली के तेल की मिलावट थी। टीडीपी ने इसके लिए पिछली YSRCP सरकार को ज़िम्मेदार बताया है। जबकि जिम्मेदार अधिकारी इन आरोपों से साफ इनकार कर रहे हैं।